डायबिटीज़ की समस्या के कारण लोगों को मस्तिष्क से लेकर आंख, हार्ट सहित अन्य सभी अंगों में समस्याएं होने लगती हैं।
अगर आपको हाल ही में पता चला है कि आप टाइप 1, टाइप 2, या जेस्टेशनल डायबिटीज़ से पीड़ित हैं, तो उचित देखभाल के साथ लाइफस्टाइल को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं और गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। यह जानना ज़रूरी है कि यह बीमारी दैनिक कामकाज, संपूर्ण स्वास्थ्य और आयु को कैसे प्रभावित करती है।
टाइप 2 डायबिटीज़ के रोगियों के लिए बीमारी की पहचान के बाद पहला साल सबसे महत्वपूर्ण होता है। अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि नए रिसर्च से पता चला है कि पहले साल किए गए बेहतर नियंत्रण से भविष्य की किडनी की बीमारी, आंखों की बीमारी, स्ट्रोक, हार्ट फैल्योर और अन्य अंगों के खराब सर्कुलेशन की समस्या के जोखिम को कम किया जा सकता है।
लंबे समय तक, अनियंत्रित डायबिटीज़ के कारण ब्लड शुगर सेलुलर लेवल में बदलाव हो सकता है और सूजन की समस्या हो सकती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में शरीर से कम इंसुलिन का उत्पादन होता है और ब्लड फ्लो में एक्सट्रा ग्लूकोज को प्रोसेस करने में मुश्किलें आने लगती हैं। इससे ब्लड वेसल के काम करने का तरीका बाधित होता है और इससे भविष्य में सर्कुलर संबंधी निम्न समस्याएं हो सकती हैं - "माइक्रोवैस्कुलर" समस्याएं, जैसे किडनी की बीमारी, आंखों की बीमारी और अंगों में सर्कुलेशन सही से न होना, या हार्ट रोग और स्ट्रोक आदि होना।
ऐसे में अगर एआईसी बहुत अधिक नहीं है, तो डायबिटीज़ पर नियंत्रण पाने के लिए अपनाए जाने वाले शुरुआती इलाज से ग्लाइसेमिक पर बेहतर नियंत्रण पाया जा सकता है और लंबी अवधि में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।
प्रारंभिक निदान और उचित पोषण मधुमेह रोगियों के लिए सकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों को सुधारने के लिए सबसे अच्छे उपाय हैं, विशेष रूप से हृदय स्वास्थ्य के संदर्भ में।
जीवनशैली में संशोधन, जो उच्च रक्त शर्करा के लिए आहार और अन्य जीवनशैली कारकों पर केंद्रित हो, शुरू किया जाना चाहिए। वजन कम करना और वजन को बनाए रखना प्रभावी प्रकार 2 मधुमेह उपचार के लिए आवश्यक है, और जीवनशैली में परिवर्तन सल्फोनिलयूरिया और इंसुलिन से जुड़े वजन बढ़ने के जोखिम को कम करता है।
बीमारी के शुरुआती समय में डायबिटीज़ केयर प्लान के कार्य:
- घर पर उपलब्ध मॉनिटर से रोज़ ब्लड शुगर लेवल की जांच करें।
- कम से कम हर तीन महीने में अपने एआईसी लेवल का मूल्यांकन कराएं।
- सेवन की जाने वाली दवाओं या इंसुलिन इंजेक्शन की प्रक्रिया को समझें और इनका पालन करें और होने वाले साइट इफेक्ट की रिपोर्ट करें।
- जानें कि हाइपोग्लाइसेमिया (लो ब्लड शुगर) की घटनाओं को कैसे नियंत्रित करें।
- हेल्दी फूड्स और रोज़ एक्सरसाइज़ के लिए एक प्रोग्राम बनाएं।
- पैरों की उचित देखभाल करें, जिसमें दबाव पड़ने वाले अंगों, घावों या कटे हुए अंगों की जांच करना शामिल हैं।
- अपने पसंदीदा डॉक्टर से मिलकर नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच, जैसे कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और किडनी फंक्शन आदि टेस्ट कराएं।
- नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं, क्योंकि डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में रेटिना और आंखों की अन्य महत्वपूर्ण बनावट में समस्याएं होने की संभावना रहती है।
अधिक ऐक्टिव बने रहने के उपाय।
- सप्ताह के अधिकांश दिनों में अधिक ऐक्टिव रहने का लक्ष्य बनाएं। दिन में 3 बार 10 मिनट की सैर करके धीमी शुरुआत करें।
- अपनी मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने के लिए सप्ताह में दो बार एक्सरसाइज़ करें। स्ट्रेच बैंड का उपयोग करें, योग करें, थोड़ी मेहनत वाली बागवानी करें (टूलों से खुदाई और रोपण करें), या पुश-अप्स करें।
- अपने फूड्स प्लान का पालन करें और अधिक ऐक्टिव रहते हुए वज़न पर नियंत्रण बनाए रखें।
अपने डायबिटीज़ को नियंत्रित करें।
- स्ट्रेस ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। स्ट्रेस कम करने के तरीके जानें। गहरी सांस लें, बागवानी करें, सैर करें, मेडिटेशन करें, अपनी पसंदीदा गतिविधियां करें या अपना पसंदीदा म्यूज़िक सुनें।
- अगर आपको उदासी महसूस होता है, तो मदद मांगें। मेंटल हेल्थ काउंसलर, सहायता समूह, पसंदीदा व्यक्ति व अन्य धार्मिक व्यक्ति, दोस्त, या परिवार के सदस्य से अपनी समस्या बताएं, क्योंकि वे आपको बेहतर महसूस करने के लिए राहत पहुंचा सकते हैं।
- हेल्दी फूड्स का सेवन करें।
- अपनी हेल्थ केयर टीम की मदद से डायबिटीज़ फूड्स प्लान बनाएं।
- ऐसे फूड्स चुनें, जिनमें कैलोरी, सेचुरेटेड फैट्स, ट्रांस फैट्स, शुगर और नमक कम हों।
- हाई फाइबर वाले फूड्स, जैसे साबुत अनाज, अन्य अनाज, ब्रेड्स, क्रैकर्स, चावल या पास्ता खाएं।
- फल, सब्जियां, साबुत अनाज, ब्रेड और अन्य अनाज, और लो फैट्स या बिना मलाई वाले दूध और पनीर जैसे फूड्स का सेवन करें।
- जूस और रेगुलर सोडा की जगह पानी पिएं।
- भोजन करते समय, अपनी प्लेट का आधा हिस्सा फलों और सब्जियों से भरें, एक चौथाई हिस्सा लो फैट्स वाले प्रोटीन से भरें, जैसे कि बीन्स, या चिकन या बिना स्किन वाली टर्की और एक चौथाई साबुत अनाज से भरें, जैसे कि ब्राउन राइस या साबुत गेहूं का पास्ता।
ग्लाइसेमिक पर लंबे समय तक नियंत्रण के लिए हर दिन क्या करें
- डायबिटीज़ और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी अन्य समस्या के लिए अपनी दवाओं का तभी सेवन करें, जब आप अच्छा महसूस करें। अगर आप अपनी दवाएं खरीदने में सक्षम नहीं हैं या अगर आपको कोई साइड इफेक्ट हो रहा है, तो अपने डॉक्टर को बताएं।
- हर दिन कटे, छिले, लाल धब्बे और सूजन के लिए अपने पैरों की जांच करें। कोई भी घाव ठीक न होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- अपने मुंह, दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए रोज़ अपने दांतों को ब्रश करें और फ्लॉस करें।
- धूम्रपान बंद करें और इसे छोड़ने के लिए मदद पाएं।
- ब्लड शुगर का ध्यान रखें। आप दिन में एक बार या एक से अधिक बार इसकी जांच कर सकते हैं। इस बुकलेट के पीछे दिए गए कार्ड का उपयोग करके अपने ब्लड शुगर लेवल का रिकॉर्ड रखें। अपनी हेल्थ केयर टीम से इसके बारे में बात करें।
- अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने ब्लड प्रेशर की जांच करें और इसका रिकॉर्ड रखें।