तकनीकी उन्नति के कारण डायबिटीज़ नियंत्रण के लिए किए जाने वाले इलाज और बीमारी की जांच की सुविधा अधिक बेहतर हो गई हैं, जिससे इंसुलिन डिलीवरी को बेहतर बनाने और डायबिटीज़ वाले व्यक्तियों के जीवन को स्वस्थ बनाने की क्षमता बढ़ गई है। इंसुलिन की ज़रूरत वाले टाइप 2 डायबिटीज़ वाले लोगों के लिए तकनीकी डिवाइस की मदद से समस्या को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है।
ऐसी ही एक ज़रूरी डिवाइस ब्लड ग्लूकोज मीटर है, जो विशेष रूप से इंसुलिन लेने वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस डिवाइस से दिन में कई बार ब्लड शुगर लेवल की जांच की जा सकती है, जिससे ली जाने वाली इंसुलिन की खुराक के प्रभाव को मीटर के माध्यम से निर्धारित करने में मदद मिलती है और ज़रूरी होने पर उसमें बदलाव किया जा सकता है। कुछ मीटर के परिणामों को कंप्यूटर पर भी डाउनलोड किया जा सकता है, जिससे डॉक्टर द्वारा इसकी आसानी से जांच की जा सकती है और इसके आधार पर अन्य उपाय किए जा सकते हैं।
नियमित रूप से ब्लड ग्लूकोज की जांच करने से समस्या की बेहतर जानकारी रखी जा सकती है। इन डिवाइस में एक छोटा सेंसर लगा होता है, जिसे स्किन के अंदर लगाकर ब्लड शुगर लेवल की जांच की जाती है। इसका दिन और रात, कभी भी उपयोग किया जा सकता है। डेटा एक रिसीवर या पंप द्वारा प्राप्त होता है, जिससे इलाज के लिए बेहतर जानकारी मिलती है और उचित तरीकों को आजमाया जा सकता है। यह विशेष रूप से टाइप 1 डायबिटीज़ वाले व्यक्तियों के लिए उपयोगी है और टाइप 2 डायबिटीज़ रोगियों को इनसे पर्याप्त लाभ नहीं मिलते हैं।
स्टिक-फ्री ग्लूकोज टेस्ट को कॉन्टियूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) कहते हैं, जो बार-बार उंगली में चुभाने वाली प्रक्रिया का एक विकल्प है। सीजीएम में ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए स्किन के नीचे लगाए जाने वाले एक छोटे सेंसर का उपयोग किया जाता है, जो वायरलेस तरीके से परिणामों को पंप या स्मार्टफोन जैसे टूल पर भेजता है।
इंसुलिन पेन, सीरिंज का एक सुविधाजनक विकल्प हैं। ये पेन जैसे डिवाइस इंसुलिन के साथ पहले से लोड होते हैं या बदली जाने वाली कार्ट्रिज के लिए उपयोग किए जाते हैं। इंसुलिन यूनिट को प्रोग्राम किया जाता है और इंसुलिन को तुरंत और आसानी से डिलीवर करने के लिए सूई को स्किन में डाला जाता है।
इंसुलिन पंप उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त हैं, जिन्हें दिन भर में कई इंसुलिन खुराक की ज़रूरी होती है। ये डिवाइस छोटे होते हैं और इन्हें पॉकेट में भी रखा जा सकता है। ये स्किन के अंदर डाली जाने वाली एक पतली ट्यूब और सूई के माध्यम से इंसुलिन पहुंचाते हैं। पंप से पूरे दिन बेसल इंसुलिन और ज़रूरत के अनुसार बोलस की खुराक, दोनों प्राप्त हो सकती है।
जेट इंजेक्टर से बिना सूई के ही इंसुलिन डिलीवर की जा सकती है, क्योंकि इसमें स्किन के माध्यम से इंसुलिन की डिलीवरी के लिए अधिक दबाव वाली हवा का उपयोग होता है। हालांकि, ये टूल सीरिंज या पेन की तुलना में अधिक महंगे होते हैं और इन्हें उपयोग करने में मुश्किल हो सकती है।
प्रत्येक डिवाइस के फायदे और नुकसान की जानकारी के लिए डॉक्टर और डायबिटीज़ के जानकार से सलाह ज़रूर लें। डायबिटीज़ पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के लिए अपने लिए सही लक्ष्य निर्धारित करना और पसंद की तकनीक को सीखना और अपनाना महत्वपूर्ण है। अंत में, डायबिटीज़ नियंत्रण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली इन तकनीकों की उन्नति का उद्देश्य डायबिटीज़ वाले व्यक्तियों लिए सुविधाओं को बढ़ाना, ग्लूकोज को नियंत्रित करना और संपूर्ण जीवन को बेहतर बनाना है।18,19