डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और स्ट्रोक के बीच संबंधों के बारे में जानें
डायबिटीज़ के साथ संबंध
- बैड (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल की अधिकता और ट्राइग्लिसराइड्स, टाइप 2 डायबिटीज़ से संबंधित हैं।
- इससे पेनक्रियाज़ बीटा-सेल की समस्या और ग्लूकोज नियंत्रण के बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
- डायबिटीज़ से डिस्लिपिडेमिया की समस्या में वृद्धि होती है और हार्ट रोग का जोखिम बढ़ता है।
हाइपरटेंशन के साथ संबंध
- बैड कोलेस्ट्रॉल अधिक होने के कारण ब्लड वेसल्स संकुचित हो जाते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
- इससे हार्ट संबंधी बीमारियों जैसे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
स्ट्रोक के साथ संबंध
- बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से मस्तिष्क को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों के भीतर प्लाक बन जाता है।
- प्लाक से थक्का बनता है और इससे मस्तिष्क में ब्लड फ्लो में रुकावट होती है और स्ट्रोक आता है।
डिस्लिपिडेमिया वास्तव में डायबिटीज़, हाइपरटेंशन और स्ट्रोक का कारण बन सकता है और इसके विपरीत भी हो सकता है।
रेफरेंसः
- Sharma, A., Mittal, S., Aggarwal, R. et al. Diabetes and cardiovascular disease: inter-relation of risk factors and treatment. Futur J Pharm Sci 6, 130 (2020).
- Lu S, Bao MY, Miao SM, et al. Prevalence of hypertension, diabetes, and dyslipidemia, and their additive effects on myocardial infarction and stroke: a cross-sectional study in Nanjing, China. Ann Transl Med. 2019;7(18):436