हमराही

मधुमेह से पीड़ित महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान देखभाल

डायबिटीज़ मेलिटस, इंसुलिन से संबंधित समस्याओं के कारण होने वाली एक बीमारी है। इसमें ग्लूकोज सेल्स में नहीं पहुंच पाता है और ब्लड फ्लो में ही बना रहता है, जिससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इसके कारण भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे हार्ट संबंधी बीमारी, आंखों और किडनी से जुड़ी बीमारी हो जाती हैं।

गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ पर नियंत्रण पाना माता और बच्चे, दोनों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ब्लड शुगर का अस्थिर लेवल परेशानियों का कारण बन सकता है। अनियंत्रित डायबिटीज़ वाली महिलाओं में जन्म दोष, हाई ब्लड प्रेशर, हाई एमनियोटिक फ्लूएड और मैक्रोसोमिया (भ्रूण का अधिक बड़ा होना) की समस्या होने का जोखिम अधिक होता है।

गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर लेवल का ध्यान रखने, बैलेंस्ड डायट का सेवन करने, नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करने और डॉक्टर की सलाह से दवाएं लेना ज़रूरी है। जोखिमों को कम करने के लिए ब्लड शुगर को निर्धारित लिमिट के भीतर बनाए रखें।

गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर पर बेहतर तरीके से नियंत्रण के लिए इंसुलिन का उपयोग एक मुख्य उपाय है, साथ ही हार्मोनल बदलाव के कारण इसकी खुराक में बदलाव करना भी ज़रूरी है। गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ से पीड़ित महिलाओं को भोजन की प्लानिंग करने और एक्सरसाइज़ करने से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

भोजन की मात्रा के बजाय क्वालिटी पर ध्यान केंद्रित करते हुए संतुलित और पौष्टिक डायट लेना ज़रूरी है। आमतौर पर रोज़ लगभग 300 कैलोरी कैलोरी की मात्रा बढ़ाना पर्याप्त होता है। भोजन में अनेक फूड्स, जैसे कि फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन मीट, फिश और लो फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट को शामिल करने का सुझाव दिया जाता है।

डायबिटीज़ के नियंत्रण के लिए फिज़िकल ऐक्टिविटी भी महत्वपूर्ण है और एक्सरसाइज़ प्रोग्राम के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। आमतौर पर गर्भावस्था में चलना, तैरना या हल्का-फुल्का एरोबिक्स जैसी गतिविधियों करना सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में निजी सलाह लेने की ज़रूरत पड़ सकती है।

ऐसे एक्सरसाइज़ न करें, जिनमें गिरने या पेट में चोट लगने का जोखिम हो। सही डायट, एक्सरसाइज़ रूटीन और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करके, डायबिटीज़ से पीड़ित महिलाएं गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रह सकती हैं और अपने और अपने बच्चों के लिए संभावित परेशानियों को कम कर सकती हैं।19,20