डायबिटीज के लिए योगासन
योगाभ्यास, टाइप 2 डायबिटीज सहित लाइफस्टाइल से जुड़ी कई बीमारियों की रोकथाम में उपयोगी है। डायबिटीज होने पर योग करने से साइको-न्यूरो-एंडोक्राइन और इम्यून सिस्टम बेहतर होते हैं। रोजाना के जीवन में योगाभ्यास को शामिल करने से ग्लाइसेमिक पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है और डायबिटीज वाले लोगों के जोखिम कम होते हैं।
सूर्य नमस्कार
लाभ: मस्तिष्क के सिग्नल के माध्यम से बेहतर इंसुलिन उत्पादन में मदद करता है। ग्लाइसीमिक परिणामों पर लाभकारी प्रभाव डालते हुए कूल्हे के आकार को काफी कम करता है।
त्रिकोणासन
लाभ: पेट के मसल के खींचाव और पैनक्रियाज (अग्न्याशय) को स्वस्थ बनाने में मदद करता है।
सर्वांगासन
लाभ: पैनक्रियाज के काम को बेहतर बनाता है।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन
लाभ: कोलोनिक कंटेंट की स्थिरता के लिए आंतों को संकुचित करता है।
पश्चिमोत्तानासन
लाभ: पैनक्रियाज को स्वस्थ बनाता है और पैनक्रियाज पर दबाव डालता है, जिससे इंसुलिन का बेहतर उत्पादन होता है।
भुजंगासन
लाभ: रीढ़ की हड्डी को मज़बूत करता है और पेट के अंगों के काम में सुधार करता है।
धनुरासन
लाभ: पेट पर सीधा दबाव डालकर पैनक्रियाज और आंतों के काम को सुधारने में मदद करता है।
संदर्भ: एंडोक्रिनोल मेटाब (सियोल)। 2018 सितंबर; 33(3): 307-317.,
आयुर्लाइन: इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन इंडियन मेडिसिन 2018; 2(6): 1-4., IJCMPR, 2018; 4, 9(A): 3656-3660.